Sponsor Area

राजस्थान की रजत बूँदें

Question
CBSEENHN11012384

कुंई की गहराई में चल रहे काम के कारण उत्पन्न गरमी को कम करने के लिए क्या उपाय किया जाता है?

Solution

कुंई की गहराई में चल रहे मेहनती काम पर वहाँ की गरमी का असर पड़ता है। गरमी कम करने के लिए ऊपर जमीन पर खड़े लोग बीच-बीच में खी भर रेत बहुत जोर के साथ नीचे फेंकते हैं। इससे ऊपर की ताजी हवा नीचे जाती है और गहराई में जमा दमघोंटू गरम हवा ऊपर लौटती है। इतने ऊपर से फेंकी जा रही रेत के कण नीचे काम कर रहे चेलवांजी के सिर पर लग सकते हैं इसलिए वे अपने सिर पर कांसे, पीतल या अन्य किसी धातु का एक बर्तन टोप की तरह पहने रहते हैं। नीचे थोड़ी खुदाई हो जाने के बाद चेलवांजी के पंजों के आसपास मलबा जमा हो जाता है। ऊपर रस्सी से एक छोटा-सा डोल या बाल्टी उतारी जाती है। मिट्टी उसमें भर दी जाती है। पूरी सावधानी के साथ ऊपर खींचते समय भी बाल्टी में से कुछ रेत, कंकड़-पत्थर नीचे गिर सकते हैं। टोप इनसे भी चेलवांजी का सिर बचाता है।

Some More Questions From राजस्थान की रजत बूँदें Chapter

कुंई निर्माण से संबंधित निम्न शब्दों के बारे में जानकारी प्राप्त करें-

पालरपानी, पातालपानी, रेजाणीपानी।

कुंई की गहराई में चल रहे काम के कारण उत्पन्न गरमी को कम करने के लिए क्या उपाय किया जाता है?

इस पाठ में रेत के कणों के बारे में क्या बताया गया है? विस्तारपूर्वक लिखिए।

कई का मुँह छोटा रखने के कौन-कौन से कारण हैं?

कुंआँ कुंई से किस अर्थ में भिन्न होता है?

खड़िया पत्थर की पट्टी कहाँ चलती है?

खड़िया पत्थर की पट्टी क्या काम करती है?

वर्षा की बूँदें अमृत जैसे मीठे पानी में कैसे बदल जाती हैं?

रेजाणीपानी कौन सा पानी होता है? रेजा किसे मापता है?

पहले दिन कुंई खोदने के साथ-साथ क्या काम कर लिया जाता है?