अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
उपर्युक्त पंक्तियों का आशय यह है कि हर एक की अपनी सहनशक्ति की सीमा होती है फिर चाहे वह प्रकृति हो या इंसान। प्रकृति के साथ मनुष्य खिलवाड़ करता रहा है परन्तु प्रकृति की भी एक हद तक सहन करने की शक्ति होती है। उससे छेड़छाड़ का खामियाजा सबको भुगतना पड़ता है। इसका उदाहरण हमें कुछ वर्षों पहले समुद्र द्वारा फेकें गए तीन जहाजों के जरिए मिलता है। इसने तीन जहाजों को गेंद की तरह उछाल दिया था।
Sponsor Area
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
'डेरा डालने' से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े हुए?
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी?
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
'मट्टी से मट्टी मिले,
खो के सभी निशान,
किसमें कितना कौन है,
कैसे हो पहचान'
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।
Sponsor Area
Sponsor Area