निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए−
जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
उपर्युक्त पंक्तियों का आशय यह है कि महान होने के कारण बड़े लोगों में अपनी इन्द्रियों को काबू करने की क्षमता होती है। महान तथा बड़े लोगों में क्षमा करने की प्रधानता होती है। किसी भी व्यक्ति की महानता क्रोध कर दण्ड देने में नहीं होती है बल्कि किसी की भी गलती को क्षमा करना ही महान लोगों की विशेषता होती है। समुद्र महान है। वह मनुष्य के खिलवाड़ को सहन करता रहा। पर हर चीज़ की हद होती है। एक समय उसका क्रोध भी विकराल रूप में प्रदर्शित हुआ। वैसे तो महान व्यक्तियों की तरह उसमें अथाह गहराई,शांति व सहनशक्ति है।