साखी
कबीर के अनुसार अर्थात् संसार पोथी पढ़-पढ़ कर मर गया कोई भी पंडित नही हुआ अर्थात् केवल पुस्तकीय ज्ञान के आधार पर ही कोई ज्ञानवान नहीं बन सकता यदि एक अक्षर प्रिय अर्थात् ईश्वरीय प्रेम का पढ़ लिया तो वह पंडित हो जायेगा, ज्ञानी हो जायेगा। प्रेम से इश्वर का स्मरण करने से ही उसे प्राप्त किया जा सकता है। प्रेम में बहुत शक्ति होती है।
Sponsor Area
पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रुप उदाहरण के अनुसार लिखिए। -
उदाहरण − जिवै - जीना
औरन, माँहि, देख्या, भुवंगम, नेड़ा, आँगणि, साबण, मुवा, पीव, जालौं, तास।
Sponsor Area
Sponsor Area