Question
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये:
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुवा, पंडित भया न कोइ।
Solution
कबीर के अनुसार अर्थात् संसार पोथी पढ़-पढ़ कर मर गया कोई भी पंडित नही हुआ अर्थात् केवल पुस्तकीय ज्ञान के आधार पर ही कोई ज्ञानवान नहीं बन सकता यदि एक अक्षर प्रिय अर्थात् ईश्वरीय प्रेम का पढ़ लिया तो वह पंडित हो जायेगा, ज्ञानी हो जायेगा। प्रेम से इश्वर का स्मरण करने से ही उसे प्राप्त किया जा सकता है। प्रेम में बहुत शक्ति होती है।