निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये: छाया मत छूना मन, होगा दुख दूना। दुविधा-हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं, देह सुखी हो पर मन के दुख का अंत नहीं। दुख है न चाँद खिला शरद-रात आने पर, क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर? जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण, छाया मत छूना मन, होगा दुख दूना।
दो तत्सम और दो तद्भव शब्द लिखिए।
Answer
Short Answer
तत्सम = दुविधा, वरण तद्भव = देह, फूल
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