गिरिजाकुमार माथुर - छाया मत छूना
कवि ने ‘बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि ले’ के लिए अपनी कविता में जिस पंक्ति का प्रयोग किया हे, वह है-जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण ।
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भाव स्पष्ट कीजियेप्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है,हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है।