मेघ आए
मेघ आए' कविता की भाषा सरल तथा सहज है। निम्नलिखित उदाहरणों द्वारा इसे स्पष्ट किया जा सकता है
1. मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
2. पाहुन ज्यों आए हो गाँव में शहर के।
3. पेड़ झुककर झाँकने लगे गरदन उचकाए।
4. बरस बाद सुधि लीन्हीं।
5. पेड़ झुककर झाँकने लगें।
उपर्युक्त पंक्तियों में अधिकतर आम बोलचाल की भाषा का ही प्रयोग हुआ है। ग्रामीण परिवेश को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण भाषा का भी उचित प्रयोग हुआ है जैसे सुधि पाहुन भरम आदि। कहीं पर भी भाषा को समझने में कोई कठिनाई नहीं होती है।
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कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
काव्य-सौंदर्य लिखिए -
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए।
कविता में मेघ को 'पाहुन' के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नजर आते हैं, लिखिए।
कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
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