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मेघ आए
काव्य-सौंदर्य लिखिए -
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
प्रस्तुत पंक्तियों में पाहुन अर्थात् दामाद के माध्यम से प्रकृति का मानवीकरण हुआ है। कवि ने प्रस्तुत कविता में चित्रात्मक शैली का उपयोग किया है। इसमें बादलों के सौंदर्य का मनोरम चित्रण हुआ है। कविता की भाषा सरल तथा सहज होने के साथ ग्रामीण भाषा जैसे पाहुन शब्द का भी प्रयोग किया गया है। यहाँ पर बन ठन में ब वर्ण की आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार है।
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लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
भाव स्पष्ट कीजिए -
क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
भाव स्पष्ट कीजिए -
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?
मेघों के लिए 'बन-ठन के, सँवर के' आने की बात क्यों कही गई है?
कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।
कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
काव्य-सौंदर्य लिखिए -
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
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