मेघ आए
कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।
मानवीकरण अलंकार:
1. मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
मेघ का दामाद के रुप में मानवीकरण हुआ है।
2.पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए।
पेड़ो का नगरवासी के रुप में मानवीकरण किया गया है।
3. धूल भागी घाघरा उठाए।
धूल का स्त्री के रुप में मानवीकरण किया गया है।
4. बोली अकुलाई लता
लता स्त्री की प्रतीक है।
5. आगे-आगे नाचती बयार चली
यहाँ बयार का स्त्री के रुप में मानवीकरण हुआ है।
6. बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की
पीपल का पुराना वृक्ष गाँव के सबसे बुज़र्ग आदमी के रुप में है।
रूपक अलंकार:
1. दामिनी दमकी
दामिनी दमकी को बिजली के चमकने के रुपक द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
2. क्षितिज अटारी
यहाँ क्षितिज को अटारी के रुपक द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
3. बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके।
झर-झर मिलन के अश्रु द्वारा बारिश को पानी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
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कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
काव्य-सौंदर्य लिखिए -
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए।
कविता में मेघ को 'पाहुन' के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नजर आते हैं, लिखिए।
कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
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