निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: यहाँ रोज़ कुछ बन रहा है रोज़ कुछ घट रहा है यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया जैसे वसंत का गया पतझड़ को लौटा हूँ जैसे बैसाख का गया भादों को लौटा हूँ अब यही है उपाय कि हर दरवाज़ा खटखटाओ और पूछो-क्या यही है वो घर? समय बहुत कम है तुम्हारे पास आ चला पानी ढहा आ रहा अकास शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर।
इस कविता के कवि का नाम
अरूण कमल
अरूण
पकंज
कमल
Answer
Multi-choise Question
A.
अरूण कमल
Sponsor Area
Some More Questions From नये इलाके में - अरुण कमल Chapter