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नये इलाके में - अरुण कमल

Question
CBSEENHN9001049

व्याख्या कीजिए-
समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर

Solution
कवि कहता है कि समय के बदलते स्वरूप के कारण पहचान के पैमाने ही बदल गए हैं। बनते-बिगड़ते स्वरूप के बीच जीवन तीव्र गति से बहता चला जा रहा है। समय बहुत गतिशील है। समय के अभाव के कारण ही मनुष्य संवेदन शून्य हो गया है। नित्य नए परिवर्तन हो रहे है। सभी नई परिस्थितियों में व्यस्त है। आकाश में बादल उमड़ते जा रहे हैं। ऐसे वातावरण में आशा की एक किरण अवश्य रहती है कि शायद कोई तुम्हें पहचानकर पुकार ले।

Some More Questions From नये इलाके में - अरुण कमल Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

व्याख्या कीजिए
(क) (i)पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ
         जूही की डाल-से खुशबूदार हाथ         

      (ii) दुनिया की सारी गदंगी के बीच
           दुनिया की सारी खुशबू
           रचते रहते हैं हाथ



  

    

 

कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है? इसका क्या कारण है?

कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है?

कवि किन बातों से धोखा खा जाता है?