नये इलाके में - अरुण कमल
शिल्प सौन्दर्य:
1. जीवन की गति परिवर्तनशील है। इस जीवन के सत्य की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।
3. भाषा स्वाभाविक व रोचक है।
4. चित्रात्मक व वर्णनात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
5. कहीं-कहीं भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
6. आम-बोलचाल की भाषा का प्रभाव दिखाई देता है।
7. ‘जैसे बसंत... लौटा हूँ’ में उत्पेक्षा अलंकार है।
Sponsor Area
Sponsor Area
Sponsor Area