नये इलाके में - अरुण कमल

Question

‘खुशबू रचते हैं हाथ’ में निहित विडंबना को प्रकट कीजिए।

Answer

खुशबू रचने वाले हाथ आर्थिक अभावों में गंदी गलियों में रहते हैं जहाँ छोटी-छोटी गालियाँ, नालों व कूड़े के ढेर हैं। अगरबत्तियाँ बनाने वाले नगरों, कस्बों और बस्तियों से दूर गंदे स्थानों पर रहकर तरह-तरह की सुगंधों से युक्त अगरबत्तियाँ बनाते हैं। स्वयं ऐसे बदबूदार वातावरण में रहकर दूसरे लोगों को खुशबूदार अगरबत्तियाँ प्रदान करते हैं। अपने आप को इन गरीब मजदूरों से दूर रख सभ्य समाज के लोग जब अगरबत्तियाँ जलाते हैं, परमात्मा को प्रसन्न करने की कामना करते हैं या अपने वातवरण को सुगंधित बनाने के लिए इनका उपयोग करते हैं तो कभी नहीं सोचते कि इन्हें बनाने वाले कौन हैं? कैसे हैं? किस हालत में रहते हैं।

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Some More Questions From नये इलाके में - अरुण कमल Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
कवि एक घर पीछे या दो घर आगे क्यों चल देता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से क्या अभिप्राय है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
कवि ने इस कविता में 'समय की कमी' की ओर क्यों इशारा किया है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
इस कविता में कवि ने शहरों की किस बिडंबना की ओर संकेत किया है।

व्याख्या कीजिए-
हाँ स्मृति का भरोसा नहीं
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया।
 

व्याख्या कीजिए-
समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर

पाठ में हिन्दी महीनों के कुछ नाम आए हैं। आप सभी हिन्दी महीनों के नाम क्रम से लिखिए।

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है?