नये इलाके में - अरुण कमल
‘नए इलाके में’ शीर्षक पूर्णतया सार्थक है। शहरी वातावरण में नित नये परिवर्तन आ रहे हैं, पुरानी पहचान के मायने बदल गए हैं। ढूँढने पर भी पुरानी स्मृति के आधार पर सही पते पर नहीं पहुँचा जा सकता। नित्य नवीन मकान स्थानों को घेर रहे हैं। जीवन में समय कम है और मनुष्य की रफ़्तार तेज है। घर का सही पता पूछना हो तो पहचानने वाले को ढूँढना पड़ता है। नए इलाके में प्रवेश किया हो, ऐसा आभास पुराने स्थान पर पहुँचकर होता है
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