नये इलाके में - अरुण कमल
शिल्प सौन्दर्य
1. कवि के अनुसार पल-पल बनती-बिगड़ती दुनिया में स्मृतियों के भरोसे नहीं जिया जा सकता।
2. खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।
3. भाषा स्वाभाविक व रोचक है।
4. चित्रात्मक व वर्णनात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
5. कहीं-कहीं भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
6. आम-बोलचाल की भाषा का प्रभाव दिखाई देता है।
7. (i) ‘नए-नए’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
(ii) ‘पुराने-निशान’ में अनुप्रास अलंकार है।
Sponsor Area
Sponsor Area
Sponsor Area