अग्नि पथ - हरिवंश राय बच्चन
कवि ने मानव से आग्रह किया है कि वह जीवन की राह में आगे बढ़ता हुआ कभी निरुत्साहित नहीं होगा। जीवन की राह सरल नहीं है, यह बहुत कठोर है; पथरीली है पर इस पर आगे चलते हुए वह कभी थकान महसूस नहीं करेगा-न शारीरिक थकान और न मानसिक थकान। वह रास्ते में कभी नहीं रूकेगा। रूकना ही तो मौत है, जीवन की समाप्ति है। संभव है कि उसे जीवन की राह कठिन लगे और वह अपनी दिशा बदलना चाहे पर वह ऐसा न करे। कवि मानव से इसी कर्मठता और गतिशील जीवन की शपथ लेने का आग्रह करता है।
Sponsor Area
Sponsor Area
Sponsor Area