कैदी और कोकिला
अद्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा है?
अद्धरात्रि में कोयल के चीखने से कवि को अनेकों अंदेशे होते है जैसे कोयल पागल तो नहीं हो गयी है, या कोई सन्देश लेकर आईं हैं, या शायद वह किसी कष्ट में है, या वह किसी की कैद में है जो उससे पेट भर खाने को नहीं देता या यह भी हो सकता है कि वह क्रांतिकारियों के दुःख से द्रवित होकर चीख रही हो।
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कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणों की संभावना बताई?
किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों?
कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाओं का वर्णन कीजिए।
भाव स्पष्ट कीजिए।
मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो!
भाव स्पष्ट कीजिए -
हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ , खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कुँआ।
अद्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा है?
कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है?
कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतों की कौन सी मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है?
हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है?
'कलि तू .....ऐ आली!' - इन पंक्तियों में 'काली' शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।
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