संदर्भ-सहित व्याख्या कीजिए- अपने पतझर के सपनों का मैं भी जग को गीत सुनता
Answer
Short Answer
नदी के तट पर अकेला खड़ा गुलाब सोचता है कि उसके अंदर भी कोमल भावनाएँ हैं। यदि ईश्वर उसे वाणी देता तो वह संसार को अपने गीत के माध्यम से अपनी कथा सुना पाता। इस प्रकार उसका अगीत गीत बन जाता।
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