गीत-अगीत - रामधारी सिंह दिनकर
इससे सम्बन्धित पंक्तियाँ इस प्रकार है-तट पर एक गुलाब सोचता“देते स्वर यदि मुझे विधाताअपने पतझर के सपनों कामैं भी जग को गीत सुनाता।”
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