निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: दंड भोगकर जब मैं छूटा, पैर न उठते थे घर को; पीछे ठेल रहा था कोई भय-जर्जन तनु पंजर को। पहले की-सी लेने मुझको नहीं दौड़कर आई वह; उलझी हुई खेल में ही हा! अबकी दी न दिखाई वह।
उसे घर की ओर पैर बढ़ाते हुए कैसा प्रतीत हो रहा था?
शरीर कमजोर लग रहा था
अनजानी आशका ने घेर रखा था
कदम घर की और नहीं उठ रहे थे
पाँव आगे नही बढ रहे थे
Answer
Multi-choise Question
B.
अनजानी आशका ने घेर रखा था
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