निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: भक्त-वृंद मृदु-मधुर कंठ से गाते थे सभक्ति मुद-मय,- ‘पतित-तारिणी पाप-हारिणी, माता, तेरी जय-जय-जय!’ ‘पतित-तारिणी, तेरी जय-जय’- मेरे सुख से भी निकला, बिना बढ़े ही मैं आगे को जाने किस बल से ढिकला!
मंदिर में कौन गा रहा था?
साधु
सज्जन
भक्तवृंद
बसंत
Answer
Multi-choise Question
C.
भक्तवृंद
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