एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त

Question

निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये - 
सभी ओर दिखलाई दी बस,
अधंकार की ही छाया
छोटी-सी बच्ची को ग्रसने
कितना बड़ा तिमिर आया!
ऊपर विस्तृत महाकाश में
जलते-से अंगारों से,
झुलसी-सी जाती थी आँखें
जगमग जगते तारों से।

‘कितना बड़ा तिमिर’ किसे कहा गया है?
  • महामारी को
  • प्रकोप के कारण उत्पन्न मृत्यु के भय को
  • मृत्यु के भय को
  • चारों ओर मचने वाले हाहाकार को

Answer

B.

प्रकोप के कारण उत्पन्न मृत्यु के भय को

Sponsor Area

Some More Questions From एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Chapter

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों/ बिंबों को. छाँटकर लिखिए-
उदाहरण: अंधकार की छाया
(i) .........................     (ii) ..........................
(iii) ........................      (iv)..........................
(v) .........................

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
अविश्रांत बरसा करके भी
आँखे तनिक नहीं रीती।

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
हाय! वही चुपचाप पड़ी थी
अटल शांति-सी धारण कर

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी

सुखिया ने अपने पिता से देवी के प्रसाद का एक फूल क्यों माँगा?

मंदिर के सौन्दर्य का वर्णन अपने शब्दों में करो।

सुखिया का पिता किस सामाजिक बुराई का शिकार हुआ?

इस कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?