निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर उनका पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये भीतर जो डर रहा छिपाए, हाय! वही बाहर आया। एक दिवस सुखिया के तनु को ताप-तप्त मैंने पाया। ज्वर में विहृल हो बोली वह, क्या जाएं किस डर से डर, मुझको देवी के प्रसाद का एक फूल ही दो लाकर।
सुखिया ने अपने पिता से क्या लाने को कहा?
फुल
दवाई
फल
प्रसाद के रूप में फूल।
Answer
Multi-choise Question
D.
प्रसाद के रूप में फूल।
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Some More Questions From एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Chapter