अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के जवाब दीजिये।
अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी।
प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी, जाकी अँग-अँग बास समानी।
प्रभु जी, तुम घन बन मोरा, जैसे चितवत चद चकोरा।
प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन सती।
प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।
प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा।।
कवि को राम-नाम की रट क्यों नहीं भूलती?
A.
प्रभु से एकाकार होने के कारणSponsor Area
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