अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास

Question

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जाकी जोति बरै दिन राती

Answer

जिसकी ज्योति दिन-रात जलती रहती है। अर्थात् कवि स्वयं को बत्ती और प्रभु को दीपक मानते हैं। जिसकी ज्योति दिन-रात जलती रहती है, ऐसे कवि दिन-रात प्रभु की भक्ति में जलते रहना चाहते हैं। भक्त ईश्वर के तेज से आलोकित हो रहा है।

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नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जैसे चितवत चंद चकोरा

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जाकी जोति बरै दिन राती

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै

रैदास के इन पदों का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।

रैदास की भक्ति दास्य भाव की है-सिद्ध कीजिए।

रैदास को क्यों लगता है कि उनके प्रभु उन पर द्रवित हो गए हैं?

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‘लाल’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है।