धूल - रामविलास शर्मा
श्रद्धा विश्वास का प्रतीक है। भक्ति हृदय की भावनाओं का बोध कराती है। प्यार का बंधन स्नेह की भावनाओं को जोड़ता है। लोग कहते हैं कि धूल के समान तुच्छ कोई नहीं है, जबकि सभी धूल को माथे से लगाकर उसके प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं। वीर योद्धा धूल को आँखों से लगाकर उसके प्रति अपनी श्रद्धा जताते हैं। हमारा शरीर भी मिट्टी से बना है। इस प्रकार धूल अपने देश के प्रति श्रद्धा, भक्ति और स्नेह व्यक्त करने का सर्वोत्तम साधन है।
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