सामाजिक प्रतिबंधों से क्या आशय है? क्या किसी भी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रता के लिए आवश्यक हैं ?
सामाजिक प्रतिबंधों से आशय सामाजिक बंधन एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सकारात्मक नियंत्रण से है। यह नियंत्रण कानून, रिति-रिवाज़, धर्म तथा न्यायिक निर्णयों के आधार पर लागू किए जाते हैं, ताकि समाज में सुख-शांति मौजूद रहें।यह बात सही है कि सभी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रता के लिए आवश्यक नहीं है उदाहरण के लिए स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रतिबंध नहीं होनी चाहिए।
स्वतंत्रता से मुक्ति के वास्तविक अनुभव के लिए सामाजिक और कानूनी बंधन आवश्यक है। हमे कुछ प्रतिबंधों की तो जरूरत है, अन्यथा समाज अव्यवस्था की गर्त में पहुँच जाएगा:
- हमारे चारों ओर व्याप्त झगड़ों के कारण जैसे; गाड़ी चलाते समय क्रोध, पार्किंग में जगह के लिए झगड़ा,ज़मीन या मकान के लिए लड़ाई, किसी खास फिल्म को दिखाए जाने पर असहमति, इत्यादि को रोकने के लिए क़ानूनी प्रतिबंध की आवश्यकता हैं।
- समाज में हिंसा पर नियंत्रण और विवाद के निबटारे के लिए इन प्रतिबंधों की आवश्यकता पड़ती हैं।
- हमें कुछ विचार या जीवन शैली अस्वीकार्य या अवांछित लग सकती हैं। अत:आपसी विचार, विश्वास और मत के अंतरों को स्वीकार करने के लिए इन प्रतिबंधों की आवश्यकता पड़ती हैं।
- लोगो की स्वतंत्रता के लिए प्रतिरोधों का होना आवश्यक हैं क्योंकि बिना उचित प्रतिरोध या बंधन के समाज में आवश्यक व्यवस्था नहीं होगी जिससे लोगों की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।
- जब तक हम एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करेंगे और दूसरे पर अपने विचार थोपने का प्रयास नहीं करेंगे तब तक हम आज़ादी के साथ और न्यूनतम प्रतिबंधों के साथ रहने में सक्षम रहेंगे।



