खेलों में परीक्षण एवं मापन के महत्व को विस्तार से लिखें।
शारीरिक शिक्षा व खेलों के कार्यक्रम में सबसे पहले अपने लक्ष्य का चुनाव करना आवश्यक होता है। यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वस्थता को दुरूस्त करना चाहता है तो उसे स्वस्थता कार्यक्रमों को करना होगा।
शारीरिक शिक्षा में परीक्षण एवं मापन वह तकनीक है जिसके द्वारा खिलाड़ियों की आवश्यकताओं, क्षमताओं और प्रवृति की जानकारी मिलती है। मूल रूप से परीक्षण एक स्थितिजन्य प्रदर्शन होता है जिसके द्वारा किसी व्यस्क या खिलाड़ी से प्रतिक्रियाएँ ली जाती है। इन प्रतिक्रियाओं को मात्रात्मक व गुणात्मक ढंग से मापा जाता है। मापन एक प्रक्रिया है जिसमें खिलाड़ियों के प्रदर्शन का डेटा विभिन्न परीक्षणों द्वारा संग्रह किया जाता है।
खेल व शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में परीक्षण एवं मापन की मुख्य भूमिका होती है। खेलों में परीक्षण एवं मापन का महत्त्व इस प्रकार है:
- उद्देश्य निर्धारित करना: परीक्षण एवं मापन आवश्यकताओं के अनुसार लक्ष्य को निर्धारित करने में मदद करते हैं। परीक्षण एवं मापन की तकनीक अपनाने से शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों को खिलाड़ी द्वारा खेलों में प्रगति की सही जानकारी मिलती है।
- खिलाड़ियों का मूल्यांकन: खेल व शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में परीक्षण एवं मापन डेटा संग्रह में मदद करते है। जो भविष्य में खिलाड़ियों की क्षमता को अलग से दर्शाता है। यह खिलाड़ियों को उनके खेल प्रदर्शन को और अच्छा करने में प्रोत्साहित करते है।
- शिक्षण प्रणाली का मूल्यांकन: परीक्षण एवं मापन एक ऐसा वैज्ञानिक साधन है जिसे अपनाने से शिक्षकों को खिलाड़ियों पर सही पद्यति का प्रयोग करने में मदद मिलती है ताकि वांछित परिणाम प्राप्त किये जा सके।
- क्षमताओं एवं योग्यताओं की जानकारी: परीक्षण एवं मापन के द्वारा शिक्षकों को खिलाड़ियों की क्षमताओं एवं योग्यताओं की जानकारी मिलती है जिसकेआधार पर वे स्वस्थता कार्यक्रम बना सकते हैं।
- खिलाड़ियों की आवश्यकताओं की जानकारी: परीक्षण एवं मापन के द्वारा खिलाड़ियों की आवश्यकताओं की सही जानकारी का पता चलता है तथा किस क्षेत्र में कितना प्रयास करना है इसकी जानकारी भी परीक्षण एवं मापन द्वारा प्राप्त होती है।



