प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण के कार्टून के ज़रिए क्या कहना चाह रहे हैं ? इसका 2006 में बनाए गए उस कानून से क्या संबंध है जिसकों पृष्ट १२३ पर आपने पढ़ा था।
प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण इस कार्टून के ज़रिए यह कहना चाह रहे हैं कि हमारे देश में बाल मज़दूरी का प्रचलन आज भी है। इस सामाजिक कुरीति में ज़्यादातर गरीब बच्चे आते हैं। गरीब वर्ग अमीर वर्ग द्वारा शोषित होता है। कार्टून में आप देख सकते हैं कि एक महिला ने अपने बच्चे के भोज को कम करने के लिए एक गरीब बच्चे पर बोझा लादा हुआ है। महिला को अपने बच्चों से पूर्ण सहानुभूति है परंतु गरीब बच्चे से नहीं। गरीब बच्चे पर बोझा लदे होने पर उसे कोई हिचकिचाहट या शर्मिंदगी महसूस नहीं हो रही है।
2006 के अक्टूबर महीने में सरकार ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों को घर, ढाबों या रेस्तराँ या चाय की दुकानों आदि में नौकरी पर रखने की प्रथा पर पाबंदी लगा दी थी।
इस कानून के बनने के बावजूद, बाल मजदूरी का प्रचलन आज भी है। लोग खुलेआम बाल मज़दूरी करवाते हैं तथा ऐसा करने पर उन्हे कोई दंड भी नहीं दिया जाता है।



