बाज़ारों में मजदुर,उत्पादक और उपभोक्ता के शोषण की संभावना बानी रहती है।लोगों इस तरह के शोषण से बच सके। इसके लिए सरकार कुछ कानून बनाती है। इन कानूनों के माध्यम से वह बाज़ारो के अनुचित तौर-तरीकों पर रोक लगाती है। उदाहरण के लिए निजी कंपनियां, ठेकेदार आदि ज्यादा मुनाफा कमाने की चाहा में मजदूरों को उनके हक का मेहनताना नहीं देते। अतः मजदूरों को उनका पूरा वेतन मिले अथवा उनकी मेहनत से कम वेतन न मिले इसके लिए न्यूनतम मेहनताने का भी एक कानून लागु किया गया है।