चर्चा करें कि भारत के विभिन्न भागों में असहयोग आंदोलन ने किस-किस तरह के रूप ग्रहण किए? लोग गांधीजी के बारे में क्या समझते थे?
(i) खेड़ा, गुजरात में पाटीदार किसानों ने अंग्रेज़ों द्वारा थोप दिए गए भारी लगान के खिलाफ अहिसंक अभियान चलाया।
(ii) आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में आदिवासी और गरीब किसानों ने बहुत सारे 'वन सत्याग्रह' किए। समुंद्रतटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में शराब की दुकानों की घेरेबंदी की गई।
(iii) सिंध और बंगाल में खिलाफत -असहयोग गठबंधन ने राष्ट्रीय आंदोलन को पर्याप्त साम्प्रदायिक एकता और मजबूती प्रदान की।
(iv) पंजाब में सिखों के अकाली आंदोलन अपने गुरुद्वारों से भ्रष्ट महंतों को हटाना चाहते थे।
(v) असम में 'गांधी महाराज की जय' के नारे लगाते हुए चाय बागान मज़दूरों ने अपनी तनख्वाह में इज़ाफे की माँग शुरू कर दी।
लोग गांधीजी को एक तरह का मसीहा, एक ऐसा व्यक्ति मानने लगे थे जो उन्हें मुसीबतों और गरीबी से छुटकारा दिला सकते है।