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बुनकर, लोहा बनाने वाले और फैक्ट्री मालिक

Question
CBSEHHISSH8008196

इंग्लैंड के ऊन और रेशम उत्पादकों ने अठारहवीं सदी की शुरुआत में भारत से आयत होने वाले कपड़े का विरोध क्यों किया था?      

Solution

इस समय इंग्लैंड में कपड़ा उद्योग के विकास की शुरुआत ही हुई थी। भारतीय वस्त्रों से प्रतियोगिता में असक्षम होने के कारण ब्रिटिश उत्पादक अपने देश में भारतीय वस्त्रों पर प्रतिबंध लगाकर अपने लिए बाजार सुनिश्चित करना चाहते थे।
अत: आरंभिक अठारहवीं सदी के आते-आते भारतीय वस्त्रों की लोकप्रियता से चिंतित ब्रिटिश ऊन तथा रेशम उत्पादकों ने भारतीय वस्त्रों के आयात का विरोध करना शुरू कर दिया। 1720 में ब्रिटिश सरकार ने एक कानून लाकर छपाई वाले सूती वस्त्रों अर्थात् 'शिंट्ज़' के उपयोग पर रोक लगा दी। इस अधिनियम को 'कैलिको अधिनियम' के नाम से जाना गया।

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इंग्लैंड के ऊन और रेशम उत्पादकों ने अठारहवीं सदी की शुरुआत में भारत से आयत होने वाले कपड़े का विरोध क्यों किया था?      

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