अंग्रेजों ने ब्रिटिश वस्तुओं का भारतीय बाजारों में किस प्रकार विस्तार किया ?
- वस्तुओं का विज्ञापन किया तथा विज्ञापनों ने वस्तुओं को जरूरी और वाँछनीय बना दिया । इससे लोगों की सोच बदल गई और नई जरूरतें पैदा हो गई ।
- औदयोगीकरण के युग में विज्ञापनों ने वस्तुओं के लिए बाजार का विस्तार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
- कपड़ो के बण्डलों पर लेबल लगाए गए - लेबल से खरीददारों को कंपनी का नाम एवं उत्पादन की जगह का पता चल जाता था । लेबल चीजों की गुणवता का प्रतीक भी था । जब लेबल पर मोटे अक्षरों में मेड़ इन मेनचेस्टर लिखा दिखाई देता तो खरीददारों को कपडा खरीदने में किसी प्रकार का डर नहीं रहता था।
- देवी देवीताओं की तस्वीर - देवी देवताओं की तस्वीरों के बहाने निर्माता यह दिखाने की कोशिश करते थे कि ईश्वर भी चाहता है कि लोग इस चीज को खरीदे। कृष्ण या सरस्वती की तस्वीरों का फायदा यह होता था कि विदेशों में बनी चीज भी भारतीयों को जानी पहचानी लगती थी ।
- मुद्रित कैलेण्डरों ने उत्पादों को लोकप्रिय बनाया - अखबारों और पत्रिकाओं को तो पढ़े लिखे लोग ही समझ सकते थे लेकिन कैलेण्डर उन लोगों की समझ में आ जाते थे जो पढ़ नहीं सकते थे। चाय की दुकानों, दफ्तरों एवं मध्यवर्गीय घरों में कलैण्डर लटके रहते थे।