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औधोगीकरण का युग

Question
CBSEHHISSH10018775

18 वीं सदी के प्रारंभ में भारतीय बुनकरों की क्या - क्या समस्याएं थी ?

Solution
  • कच्चे माल की कमी - भारत से कच्चे कपास का निर्यात बढ़ने से कच्चे कपास की कीमतें बढ़ गई । भारतीय बुनकरों महंगी कीमतों पर कच्चा कपास खरीदने को बाध्य हो गये ।
  • गुमाश्तों के साथ कलह- गुमाश्तें अन्यायपूर्ण तरीके से काम करते थे और बुनकरों को आपूर्ति में देरी करने पर दंडित करते थे। इसलिए उनका बुनकरों के साथ कलह होता रहता था ।
  • अग्रिम की व्यवस्था - अंग्रेजो ने आपूर्ति की सुनिश्चितता के लिए बुनकरों को अग्रिम देने की व्यवस्था शुरू की । बुनकरों ने अधिक कमाने के लिए उत्सुकता पूर्वक अग्रिम लिया परन्तु वे ऐसा करने में असमर्थ रहे। वे अब छोटे खेतों को भी खोने लगें जिनको अब तक जोतते आ रहे थे।

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आदि-औद्योगिक का मतलब बताएँ।

उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाए हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे।

ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी कपड़ों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या किया।

कल्पना कीजिए कि आपको ब्रिटेन तथा कपास के इतिहास के बारे में विश्वकोश के लिए लेख लिखने को कहा गया है। इसे अध्याय में दी गई जानकारियों के आधार पर अपना लेख लिखिए।

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'वस्त्र उद्योग देश का एकमात्र उद्योग है जो कच्चे माल से उच्चतम अतिरिक्त मूल्य उत्पाद तक की श्रृंखला में परिपूर्ण तथा आत्मनिर्भर है।' इस कथन को न्यायसंगत ठहराइए।

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