विकास में ऋण की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।
विकास के लिए ऋण की भूमिका:
(i) ऋण सामान्य रूप से दो स्रोतों से उपलब्ध होता हैं- ये औपचारिक स्रोत या अनौपचारिक स्रोत हो सकते हैं।
(ii) औपचारिक और अनौपचारिक उधारदाताओं के बीच ऋण की शर्तें काफी हद तक भिन्न होती हैं वर्तमान में, अमीर परिवार है जो औपचारिक स्रोतों से ऋण प्राप्त करते हैं जबकि गरीबों को अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता है। यह अनिवार्य की की औपचारिक क्षेत्र के कुल ऋणों में वृद्धि हो, ताकि महँगे अनौपचारिक ऋण पर से निर्भता काम हो। साथ ही बैंकों और सहकारी समितियों इत्यादि से गरीबों को मिलने वाले औपचारिक ऋण का हिस्सा बढ़ना चाहिए।
(iii) प्रचलित स्थितियों में, यदि गरीब लोगों को सही और उचित शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है, तो लाखों छोटे लोग अपनी लाखों छोटी-छोटी गतिविधियों के ज़रिए विकास का सबसे बड़ा चमत्कार कर सकते है।



