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मुद्रा और साख

Question
CBSEHHISSH10018416

विकास में ऋण की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।

Solution

विकास के लिए ऋण की भूमिका:
(i) ऋण सामान्य रूप से दो स्रोतों से उपलब्ध होता हैं- ये औपचारिक स्रोत या अनौपचारिक स्रोत हो सकते हैं।
(ii) औपचारिक और अनौपचारिक उधारदाताओं के बीच ऋण की शर्तें काफी हद तक भिन्न होती हैं वर्तमान में, अमीर परिवार है जो औपचारिक स्रोतों से ऋण प्राप्त करते हैं जबकि गरीबों को अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता है। यह अनिवार्य की की औपचारिक क्षेत्र के कुल ऋणों में वृद्धि हो, ताकि महँगे अनौपचारिक ऋण पर से निर्भता काम हो। साथ ही बैंकों और सहकारी समितियों इत्यादि से गरीबों को मिलने वाले औपचारिक ऋण का हिस्सा बढ़ना चाहिए।   
(iii) प्रचलित स्थितियों में, यदि गरीब लोगों को सही और उचित शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है, तो लाखों छोटे लोग अपनी लाखों छोटी-छोटी गतिविधियों के ज़रिए विकास का सबसे बड़ा चमत्कार कर सकते है।

Some More Questions From मुद्रा और साख Chapter

मानव को एक छोटा व्यवसाय करने के लिए ऋण की जरूरत है। मानव किस आधार पर यह निश्चित करेगा कि उसे यह ऋण बैंक से लेना चाहिए या साहूकार से? चर्चा कीजिए।

भारत में 80% किसान छोटे किसान हैं, जिन्हें खेती करने के लिए ऋण की जरूरत होती है।

(क)  बैंक छोटे किसानों को ऋण देने से क्यों हिचकिचा सकते हैं?

(ख)  वे दूसरे स्रोत कौन हैं, जिनसे छोटे किसान कर्ज ले सकते हैं।

(ग) उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए कि किस तरह ऋण की शर्तें छोटे किसानों के प्रतिकूल हो सकती हैं।

(घ) सुझाव दीजिए कि किस तरह छोटे किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है।





.................. परिवारों की ऋण की अधिकांश जरूरतें अनौपचारिक स्रोतों से पूरी होती हैं।

.............  ऋण की लागत ऋण का बोझ बढ़ाती है।

............... केंद्रीय सरकार की ओर से करेंसी नोट जारी करता है। 

बैंक .................पर देने वाले ब्याज से ऋण पर अधिक ब्याज लेते हैं।

.................. सम्पत्ति है जिसका मालिक कर्जदार होता है जिसे वह ऋण लेने के लिए गारंटी के रूप में इस्तेमाल करता है, जब ऋण चुकता नहीं हो जाता।

स्वयं सहायता समूह में बचत और ऋण संबंधित अधिकतर निर्णय लिये जाते हैं

ऋण के औपचारिक स्रोतों में शामिल नहीं है

हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की क्यों जरूरत है?