निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें:
हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
इत्र का विष्पीकरण अधिक होता है जिससे इत्र आसानी से हवा में मिल जाता है। वायु के अणु निरन्तर गति करते रहते है तथा सुगन्धित पदार्थों के अणुओं से टकराते है कुछ समय पश्चात इस प्रकार का वितरण हो जाता है कि उसका एक समांगी मिश्रण बन जाता है। इस प्रक्रम को विसरण कहते हैं। अत: विसरण के कारण हम कई मीटर दूर बैठे इत्र कि सुगन्ध पा सकते हैं।