पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल। इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है। इसका क्या कारण हो सकता है?
वर्षा का जल काँच के बर्तन में इकट्ठा करके उसका संपरीक्षित्र से परीक्षण करने पर चुम्बकीय सुई विक्षेप दिखती है। इसके कई कारण हो सकते हैं-
(i) वर्षा का जल नीचे आते-आते कई अशुद्धियों से युक्त हो जाता हैं क्योंकि हमारे वायुमंडल में बहुत सी अशुद्धियाँ एकत्रित है।
(ii) काँच के साफ बर्तन में भी कुछ अशुद्धियाँ होती है।
चूँकि हम जानते हैं कि आसुत जल में भी नमक आदि मिलाकर उसे भी विद्युत् का चालक बनाया जा सकता है, उसी प्रकार वर्षा का जल भी अशुद्ध हो तो चुंबकीय विक्षेप दिखता है।