Sponsor Area

अम्ल, क्षारक एवं लवण

Question
CBSEHHISCH10015003

H+(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

Solution

H+ (aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर प्रकृति पर प्रभाव पड़ता हैl H+ (aq) की जितनी सांद्रता होगी, उतना ही विलयन अधिक अम्लीय होगाl

Some More Questions From अम्ल, क्षारक एवं लवण Chapter

कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती हैl इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती हैl  यदि उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिएl

HCl, HNO3 आदि जलीय विलियन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे  यौगिकों के विलियन में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित करते हैं?

शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती है?

अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में?

अम्ल के विलयन को तनिकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?

जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधुकी क्षारक मलते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?

आप के पास दो विलयन 'A' एवं 'B' हैl विलयन 'A' के pH का मान 6 है एवं विलयन 'B' के pH का मान 8 हैl किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक हैl इन में से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?

H+(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

क्या क्षारकीय विलयन में H(aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?