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अम्ल, क्षारक एवं लवण

Question
CBSEHHISCH10015000

अम्ल के विलयन को तनिकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?

Solution
जब एक अम्ल को निश्चित मात्रा में पानी में डाला जाता है, उस विलयन के प्रति इकाई मात्रा में हाइड्रोनियम आयनों की निश्चित संख्या होती हैl प्रति इकाई हाइड्रोनियम आयनों की संख्या कम करने पर हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता कम हो जाती हैl

Some More Questions From अम्ल, क्षारक एवं लवण Chapter

आप को तीन परखनलियाँ दी गई हैं इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरी में क्षारीय विलयन है यदि आप को केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?

पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?

धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर  सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइएl इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?

कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती हैl इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती हैl  यदि उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिएl

HCl, HNO3 आदि जलीय विलियन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे  यौगिकों के विलियन में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित करते हैं?

शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती है?

अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में?

अम्ल के विलयन को तनिकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?

जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधुकी क्षारक मलते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?