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उपनिवेशवाद और देहात

Question
CBSEHHIHSH12028333

दक्कन के रैयत ऋणदाताओं के प्रति क्रुद्ध क्यों थे?

Solution

दक्कन के रैयत निम्नलिखित कारणों से ऋणदाताओं  के प्रति क्रुद्ध थे:

  1. 1870 ई के आस-पास दक्कन के रैयत ऋणदाताओं के प्रति अत्यधिक क्रुद्ध थे। ऋणदाता द्वारा ऋण देने से इनकार किए जाने पर, रैयत समुदाय को बहुत गुस्सा आया। किसानों को लगता था की ऋणदाता इतना संवेदनहीन हो गए है जो उनकी हालत पर तरस नहीं खाता। 
  2. ऋणदाता लोग देहात के प्रथागत मानकों यानी रूढ़ि रिवाजों का भी उल्लंघन कर रहे थे। उदाहरण के लिए ब्याज मूलधन से अधिक नहीं लिया जा सकता था। परन्तु ऋणदाता इस मानक की धज्जियाँ उड़ा रहे थे। एक मामले में ऋणदाता ने 100 रु.के मूलधन पर 2000 रु. से भी अधिक ब्याज लगा रखा था।
  3. बिना चुकाई गई ब्याज की राशि को नए बंधपत्रों में शालिम कर लिया जाता था, ताकि ऋणदाता कानून के शिकंजे से बचा रहे और उसकी राशि भी न डूबे।
  4. साहूकार अथवा ऋणदाता किसानों को अनेक प्रकार से ठगते रहते थे; ऋण का भुगतान किए जाने के समय वे रैयत को उसकी रसीद नहीं देते थे, अनुबंध पत्रों में जाली आँकड़ों को भर लिया जाता था, किसानों की फसलों का दाम बहुत कम आँका जाता था और अंत में उनकी धन-संपदा पर ही अधिकार जमा लिया जाता था।

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