निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें:
भारत के 15 प्रमुख राज्यों में मानव विकास के स्तरों में किन कारकों ने स्थानिक भिन्नता उत्पन्न की है?
भारत में मानव विकास को प्रभावित करने में सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक और ऐतहासिक कारण उत्तरदायी हैं। केरल के मानव विकास सूचकांक का उच्चतम मूल्य इसके द्वारा 2001 में शत- प्रतिशत के आसपास (90.92 प्रतिशत) साक्षरता दर को प्राप्त करने के लिए किए गए प्रभावी कार्यशीलता के कारण है।
शैक्षिक उपलब्धियों के अतिरिक्त आर्थिक विकास भी मानव विकास सूचकांक पर सार्थक प्रभाव डालता है। आर्थिक दृष्टि से विकसित महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पंजाब एवं हरियाणा जैसे राज्यों के मानव विकास सूचकांक का मूल्य असम, बिहार, मध्य प्रदेश इत्यादि राज्यों की तुलना में ऊँचा है।
ऐतहासिक कारण भी मानव-विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उपनिवेश काल में विकसित प्रादेशिक विकृतियाँ और सामाजिक विषमताएँ अब भी भारत की अर्थव्यवस्था, राजतंत्र और समाज में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
इसके अतिरिक्त सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्रों में भी भारत ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं, परन्तु ये अभी वांछित स्तर से काफी नीचे हैं। सामाजिक वितरण न्याय के अपने मुख्य ध्येय के साथ भारत सरकार ने नियोजित विकास के माध्यम से संतुलित विकास के लिए अनेक प्रयास किए हैं।