निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें:
भारत में 2001 के स्त्री साक्षरता के स्थानिक प्रारूपों की विवेचना कीजिए और इसके लिए उत्तरदायी कारणों को समझाइए।
स्थानिक प्रारूपों की विवेचना:
- भारत में स्त्रियों की साक्षरता दर कुछ क्षेत्रों में उच्च है तो कुछ में निम्न है। देश के सभी राज्यों/केंद्र प्रशासित राज्यों में केरल सबसे आगे आता हैं। पुरुष तथा स्त्री साक्षरता की दृष्टि से भी केरल का प्रथम स्थान है।
- इस राज्य में पुरुष तथा स्त्री की साक्षरता दर क्रमश: 94.20 तथा 87.86 प्रतिशत है। मिजोरम तथा लक्षद्वीप भी केरल से कोई अधिक पीछे नहीं हैं। इनका क्रमशः द्वितीय तथा तृतीय स्थान है और यहाँ पर क्रमश: 88.49 तथा 87.52 प्रतिशत लोग साक्षर हैं।
- सबसे कम साक्षरता बिहार में पाई जाती हैं। यहाँ कुल साक्षरता, पुरुषों की साक्षरता तथा स्त्रियों की साक्षरता, तीनों ही समस्त भारत में न्यूनतम हैं। वास्तव में बिहार ही एक ऐसा राज्य हैं, जहाँ आधी से कम जनसंख्या साक्षर है। यहाँ पर कुल साक्षरता दर 47.53 प्रतिशत हैं और पुरुषों तथा स्त्रियों की साक्षरता दर क्रमश: 60.32 तथा 33.57 प्रतिशत है। अर्थात् यहाँ पर लगभग एक-तिहाई स्त्रियाँ ही साक्षर हैं और शेष दो-तिहाई स्त्रियाँ निरक्षर हैं।
- कम साक्षरता वाले अन्य राज्य झारखंड, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश हैं। इन सभी राज्यों में साक्षरता दर 60 प्रतिशत से कम है। कुल मिलाकर 13 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में साक्षरता दर 65.38 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से कम है।
- इस वर्ग के राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश, उत्तर में जम्मू-कश्मीर, पश्चिम में राजस्थान तथा दादरा एवं नगर हवेली, दक्षिण में आंध्र प्रदेश, मध्य में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा छत्तीसगढ़, पूर्व में बिहार, झारखंड व ओडिशा तथा उत्तर-पूर्व अरुणाचल प्रदेश, असम एवं मेघालय हैं।
- जिन राज्यों में कुल पुरुष तथा स्त्री, तीनों प्रकार की साक्षरता दर, राष्ट्रीय साक्षरता दर से कम है, उनके नाम अरुणाचल प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, दादरा व नगर हवेली, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड तथा उत्तर प्रदेश हैं।
उत्तरदायी कारण:
- वे क्षेत्र जो विकास की दृष्टि से पिछड़े हुए हैं, वहाँ स्त्रियों की शिक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता था। उदहारण के लिए:- झारखण्ड, उड़ीसा, बिहार, इत्यादि।
- अनुसूचित जातियों अथवा अनुसूचित जनजातियों के वर्ग इतने पिछड़े हुए हैं कि इनमें स्त्री साक्षरता दर ने के बराबर हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्रियों को घर के कामों तक ही सीमित रखा जाता हैं।