कोमल और कठोर दोनों भाव किस प्रकार गाँधीजी के व्यक्तित्व की विशेषता बन गए।
गाँधीजी हृदय से बड़े कोमल थे। वे सत्य, अहिंसा, प्रेम आदि कोमल भावों को अपनाने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने सदा दूसरों का भला चाहा। अंग्रेजों के प्रति भी वे कठोर न थे। दूसरी ओर वे अनुशासन एवं नियमों के मामले में कठोर थे। ये दोनों विपरीत भाव गाँधीजी के व्यक्तित्व की विशेषता बन गए थे।