सर्वग्रासी काल की मार से बचते हुए वही दीर्धजीवी हो सकता है, जिसने अपने व्यवहार में जड़ता छोड़कर नित बदल रही स्थितियों में निरंतर अपनी गतिशीलता बनाए रखी है। पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
काल सबको अपना ग्रास बना लेता है। काल की मार से बचते हुए दीर्घजीवी होने के लिए अपने व्यवहार में समयानुकूल परिवर्तन लाना बहुत आवश्यक है। नित्य परिस्थितियाँ बदल रही है। यदि हम भी नहीं बदले तो हम अपनी गतिशीलता को नहीं बनाए रख पाएँगे। पाठ में इस बात को शिरीष वृक्ष के माध्यम से समझाया गया है। शिरीष के पुराने फल-फूल-पत्ते समय की माँग को देखकर अपना रास्ता नहीं छोड़ते। गद्दी से चिपकने वाले नेता भी अपनी गतिशीलता को खो देते हैं। हमें अपने व्यवहार की जड़ता को छोड़ना होगा। ऐसा करके ही हम लंबे समय तब बने रह सकते हैं।