राजकपूर ने किस बात से प्रेरित होकर फिल्मों में क्या प्रयोग किया?
राजकपूर ने चार्ली के नितांत अभारतीय सौंदर्यशास्त्र की इतनी व्यापक स्वीकृति देखकर भारतीय फिल्मों का एक सबसे साहसिक प्रयोग किया। उनकी फिल्म ‘आवारा’ सिर्फ ‘दि ट्रैंप’ का शब्दानुवाद ही नहीं थी बल्कि चार्ली का भारतीयकरण ही था। राजकूपर ने चैप्लिन की नकल करने के आरोपों की कभी परवाह नहीं की। राजकपूर के ‘आवारा’ और ‘श्री 420’ के पहले फिल्मी नायकों पर हँसने की और स्वयं नायकों के अपने पर हँसने की परपरा नहीं थी। 1953-57 के बीच जब चैप्लिन अपनी गैर-ट्रैंपनुमा अंतिम फिल्में बना रहे थे तब राजकपूर चैप्लिन का युवा. अवतार ले रहे थे।