लुट्टन के कितने पुत्र थे? वे किस प्रकार के थे? उन्हें लुट्टन ने क्या शिक्षा दी?
लुट्टन के दो पुत्र थे। लुट्टन पहलवान की स्त्री दो पहलवानों को पैदा करके स्वर्ग सिधार गई थी। दोनों लड़के पिता की तरह ही गठीले और तगड़े थे। दंगल में दोनों को देखकर लोगों के मुँह से अनायास ही निकल पड़ता-”वाह! बाप से भी बढ्कर निकलेंगे यह दोनों बेटे!”
दोनों ही लड़के राज-दरबार के भावी पहलवान घोषित हो चुके थे। अत: दोनों का भरण-पोषण दरबार से ही हो रहा था। प्रतिदिन प्रात:काल पहलवान स्वयं ढोलक बजा-बजाकर दोनों से कसरत करवाता। दोपहर में, लेटे-लेटे दोनों को सांसारिक ज्ञान की भी शिक्षा देता-”समझे! ढोलक की आवाज पर पूरा ध्यान देना। हाँ, मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं, यही ढोल है, समझे! ढोल की आवाज के प्रताप से ही .मैं पहलवान हुआ। दंगल में उतरकर-सबसे पहले ढोलों को प्रणाम करना, समझे!” …ऐसी ही बहुत-सी बातें वह कहा करता। फिर मालिक को कैसे खुश रखा जाता है कब कैसा व्यवहार करना चाहिए, आदि की शिक्षा वह नित्य दिया करता था।