दंगल में ढोल की आवाज सुनते ही लुट्टन पहलवान क्या गतिविधियाँ शुरू कर देता था?
दंगल में ढोल की आवाज सुनते ही वह अपने भारी- भरकम शरीर का प्रदर्शन करना शुरू कर देता था। उसकी जोड़ी तो मिलती ही नहीं थी, यदि कोई उससे लड़ना भी चाहता तो राजा साहब लुट्टन को आज्ञा ही नहीं देते। इसलिए वह निराश होकर, लंगोट लगाकर देह में मिट्टी मल और उछालकर अपने को साँड या भैंसा साबित करता रहता था। बूढ़े राजा साहब देख-देखकर मुस्कुराते रहते।