पाठ में अनेक स्थलों पर प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। पाठ में से ऐसे अंश चुनिए और उनका आशय स्पष्ट कीजिए।
मानवीकरण के अंश
- अँधेरी रात चुपचाप आलू बहा रही थी।
रात का मानवीकरण किया गया है क्योंकि उसे मानव की तरह आँसू बहाते दर्शाया गया है। [शोक का वातावरण था।]
- तारे उसकी भावुकता अथवा असफलता पर खिलखिलाकर हँस पड़ते थे।
तारों का मानवीकरण: उन्हें हँसते दर्शाया गया है। [मजाक उड़ाने का भाव]
- ढोलक लुटकी पड़ी थी।
ढोलक का मानवीकरण-लुढ़कना मानवीय क्रिया है।