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फिराक गोरखपुरी

Question
CBSEENHN12026428

प्रस्तुत पक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें

ये कीमत भी अदा करे हैं हम बदूरुस्ती-ए-होशो-हवास

तेरा सौदा करने वाले दीवाना भी हो लें हैं

तेरे गम का पासे-अदब है कुछ दुनिया का खयाल भी है

सबसे छिपा के बर्द के मारे चुपके-चुपके रो लें हें।

Solution

प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी द्वारा रचित गजल से ली गई हैं।

व्याख्या: शायर बताता है कि ये कीमत अदा करते हैं, पर मैं अपना विवेक बनाए रखता हूँ। तेरा सौदा करने वाले भले ही दीवाना बन लें। यह बात ईश्वर के संदर्भ में भी सटीक बैठती है और प्रिय के संदर्भ में भी। शायर प्रिय के वियोग में दुखी है। वह दुनिया का खयाल भी करता है। अत: अपने दुःख का बखान सबके सामने नहीं करता। वह तो सबसे छिपकर अपने दर्द के कारण चुपचाप अकेले में रो लेता है। इस प्रकार वह अपना दुख हल्का कर लेता है।

विशेष: 1. उर्दू शब्दों की भरमार है।

2. ‘चुपके-चुपके’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

 

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